भारतीय बाजार में रिकवरी शुरू हो गई? Sensex-Nifty की तेजी पर एक्सपर्ट्स की राय
Sensex 900 अंकों की छलांग, Nifty ने तोड़ी 10 दिनों की गिरावट – क्या यह सिर्फ "Dead Cat Bounce" है?
भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल देखने को मिला, जहां Sensex 900 अंक से ज्यादा चढ़ा और Nifty ने 10 दिनों की गिरावट का सिलसिला तोड़ा। यह तेजी निवेशकों के लिए राहत लेकर आई है, लेकिन बड़ा सवाल यह है – क्या यह सच में बाजार में रिकवरी का संकेत है, या सिर्फ "Dead Cat Bounce" यानी अस्थायी उछाल, जिसके बाद बाजार फिर से गिर सकता है?
आइए इसे विस्तार से समझते हैं। Let's understand it in detail
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Sensex और Nifty में उछाल के पीछे क्या कारण हैं?
पिछले कुछ हफ्तों से बाजार लगातार गिर रहा था। इसकी मुख्य वजहें थीं – वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, महंगाई की चिंता और संस्थागत निवेशकों की बिकवाली। लेकिन अब अचानक आई इस तेजी के पीछे कुछ अहम कारण हो सकते हैं:
1. सस्ते दामों पर खरीदारी (Buying at Lower Levels) – बाजार में गिरावट के कारण कई स्टॉक्स आकर्षक वैल्यूएशन पर आ गए, जिससे निवेशकों ने खरीदारी शुरू की।
2. वैश्विक बाजारों से सकारात्मक संकेत (Positive Global Cues) – अमेरिका और यूरोपीय बाजारों में सुधार ने भारतीय बाजार को सहारा दिया।
3. शॉर्ट-कवरिंग रैली (Short-Covering Rally) – कई ट्रेडर्स ने गिरावट के दौरान बिकवाली की थी। जब उन्होंने मुनाफा बुक किया, तो बाजार में अचानक उछाल आ गया।
4. सरकारी और RBI की नीतियां (Government & RBI Policies) – यदि सरकार या भारतीय रिजर्व बैंक ने कोई सकारात्मक कदम उठाया हो, तो इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा होगा।
लेकिन असली सवाल यह है – क्या यह एक स्थायी तेजी है, या सिर्फ एक अस्थायी उछाल?
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Dead Cat Bounce क्या होता है?
"Dead Cat Bounce" एक स्टॉक मार्केट टर्म है, जिसका मतलब होता है गिरते हुए बाजार में एक अस्थायी उछाल, जिसके बाद फिर से गिरावट आती है।
इसे ऐसे समझ सकते हैं –
"अगर कोई मरी हुई बिल्ली भी ऊँचाई से गिरेगी, तो वह कुछ समय के लिए उछलेगी, लेकिन फिर नीचे गिर जाएगी।"
ठीक इसी तरह, बाजार में जब लंबे समय तक गिरावट होती है, तो बीच में एक तेज उछाल आ सकता है, लेकिन जरूरी नहीं कि यह असली रिकवरी हो।
कैसे पहचानें कि यह Dead Cat Bounce है या असली रिकवरी?
1. ट्रेडिंग वॉल्यूम (Trading Volume) – अगर तेजी के साथ ट्रेडिंग वॉल्यूम ज्यादा नहीं बढ़ता, तो यह सिर्फ एक अस्थायी उछाल हो सकता है।
2. फंडामेंटल कारण (Fundamental Triggers) – अगर बाजार बिना किसी ठोस आर्थिक वजह के चढ़ रहा है, तो यह सिर्फ एक शॉर्ट टर्म मूव हो सकता है।
3. रैली की स्थिरता (Sustainability of the Rally) – अगर Sensex और Nifty लगातार कुछ दिनों तक ऊपर टिके रहते हैं, तो यह असली रिकवरी हो सकती है।
4. विदेशी और घरेलू निवेशक (FII & DII Activity) – अगर विदेशी निवेशक (FIIs) और घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) अभी भी बिकवाली कर रहे हैं, तो बाजार फिर गिर सकता है।
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ऐतिहासिक उदाहरण – जब Dead Cat Bounce ने निवेशकों को धोखा दिया
1. 2008 वैश्विक आर्थिक संकट (Global Financial Crisis)
2008 में, जब बाजार भारी गिरावट में था, कई बार Sensex और Nifty ने तेज उछाल दिखाया। लेकिन हर बार बाजार फिर से गिर गया। कई निवेशकों ने इसे रिकवरी समझकर खरीदारी की और बाद में नुकसान उठाया।
2. मार्च 2020 COVID-19 क्रैश
मार्च 2020 में COVID-19 की वजह से बाजार में भारी गिरावट आई। बीच में कुछ दिनों तक बाजार चढ़ा, लेकिन यह सिर्फ एक Dead Cat Bounce था। असली रिकवरी तब शुरू हुई जब सरकार और केंद्रीय बैंक ने राहत पैकेज की घोषणा की।
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अब निवेशकों को क्या करना चाहिए?
1. जल्दबाजी में खरीदारी न करें
अगर यह सिर्फ Dead Cat Bounce है, तो जल्दबाजी में निवेश करने से नुकसान हो सकता है। बाजार को कुछ दिनों तक देखने की जरूरत है कि यह तेजी टिकती है या नहीं।
2. मजबूत कंपनियों में निवेश करें
ऐसी कंपनियों के शेयर लें जिनकी आर्थिक स्थिति मजबूत है।
FMCG, फार्मा, IT जैसी सेक्टर कंपनियां अस्थिर बाजार में अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं।
3. वैश्विक ट्रेंड पर नजर रखें
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियां और वैश्विक आर्थिक स्थिति भारतीय बाजार को प्रभावित करेंगी।
अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार गिरते हैं, तो भारतीय बाजार भी पीछे नहीं रहेगा।
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निष्कर्ष: यह असली रिकवरी है या जाल?
Sensex और Nifty की यह उछाल निवेशकों के लिए राहत जरूर है, लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगी कि बाजार ने गिरावट को पूरी तरह पीछे छोड़ दिया है।
आने वाले दिनों में अगर बाजार मजबूती से टिका रहता है और निवेशक खरीदारी जारी रखते हैं, तो यह एक असली ट्रेंड रिवर्सल हो सकता है। लेकिन अगर यह सिर्फ शॉर्ट-कवरिंग या टेक्निकल रैली है, तो बाजार दोबारा गिर सकता है।
निवेशकों को धैर्य रखना चाहिए, जल्दबाजी में फैसले लेने से बचना चाहिए और दीर्घकालिक निवेश की रणनीति अपनानी चाहिए।
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